BSE ने SME कंपनियों को मेन बोर्ड में ट्रांसफर करने के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश, कम से कम 15 करोड़ हो नेटवर्थ
BSE-SME Platform
नई दिल्ली। BSE-SME Platform: वैसे स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज जो बीएसई की SME प्लेटफॉर्म से निकलकर बीएसई की मेनबोर्ड में शामिल होना चाहते हैं उन उद्यमों के लिए बीएसई ने कुछ गाइडलाइन जारी किया है। मेन बोर्ड का मतलब बीएसई की टॉप 100 या टॉप 300 कंपनियों की लिस्ट में शामिल होना है।
कब से लागू होगी ये गाइडलाइन?
बीएसई ने कहा कि ये नई गाइडलाइन 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएगी। आपको बता दें कि बीएसई ने नई गाइडलाइन के अलावा SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग के लिए पात्रता मानदंड में भी बदलाव किया है।
क्या है नई गाइडलाइन?
- बीएसई की गाइडलाइन के तहत आवेदक के पास पिछले दो वित्तीय वर्षों में कम से कम 15 करोड़ रुपये का नेट वर्थ होना चाहिए।
- आवेदनकर्ता एसएमई उद्यमों के पास कम से कम तीन साल के लिए एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होना जरूरी है।
- बीएसई की मेनबोर्ड में ट्रांसफर होने से पहले आवेदनकर्ता के पास 250 पब्लिक शेयरहोल्डर होने चाहिए।
- एसएमई आवेदनकर्ता को कम से कम तीन वित्तीय वर्षों में से किसी दो के लिए सकारात्मक परिचालन लाभ होना चाहिए और एक्सचेंज में माइग्रेशन आवेदन करने के तत्काल वित्तीय वर्ष में प्रॉफिट आफटर टैक्स (PAT) पॉजिटिव होना चाहिए।
- आवेदक की चुकता इक्विटी पूंजी 10 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए और एमकैप कम से कम 25 करोड़ रुपये होना चाहिए।
- आवेदक कंपनी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा स्वीकार की गई कोई भी समापन याचिका प्राप्त नहीं होनी चाहिए और पिछले तीन साल में फर्म के खिलाफ किसी भी स्टॉक एक्सचेंज द्वारा एसएमई और उसके प्रमोटरों के खिलाफ व्यापार को निलंबित करने जैसी कोई महत्वपूर्ण नियामक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक कंपनी, उसके प्रमोटरों के साथ-साथ उसकी सहायक कंपनी को बाजार नियामक सेबी द्वारा प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए।
अब तक कितनी कंपनियां मेनबोर्ड में हुई ट्रांसफर?
आंकड़ों के मुताबिक अब तक, 464 कंपनियां बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुई है जिनमें से 181 कंपनियां मेनबोर्ड में ट्रांसफर हुई है।
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